रितु बेरी उन डिजाइनरोï मेïं से हैï जिन्हेंï पारंपरिक भारतीय तथा मुख्यधारा दोनोïं ही डिजाइनोंï के लिए अंतरराष्टï्रीय मान्यता प्राप्त हुई है। जाने-माने फैशन डिजाइनर मुगल मूनीर मॉफरिज द्वारा चुनी जाने वाली ये पहली भारतीय फैशन डिजाइनर थीï। उन्हेïं ऐसी भारतीय डिजाइनर होने का भी गौरव प्राप्त है जिनके कलेक्शन को फैशन टीवी पर प्रदॢशत किया गया। साथ ही वह ऐसी डिजाइनर हैï जिनकी कृति प्रोमोस्टाइल की पत्रिका-‘एक्यूस्टाइल’, जो विश्व भर मेंï फैशन रुझानोï का पूर्वामान करती है, मेंï दर्शायी गई है।
रितु बेरी ने फैशन के क्षेत्र मेंï अपने कैरियर की शुरुआत काफी कम उम्र मेंï ही कर दी थी और छोटी सी अवधि मेंï ही उन्हेंï विश्व स्तर पर पहचान भी मिल गई। पेरिस मेंï रेडी-टू-वेयर फैशन शो आयोजित करने वाली वह पहली भारतीय स्त्री डिजाइनर थीï। औरोïं से अलग हटकर एक विशिष्टï शैली का परिचय देने वाली रितु ने अटलांटिक मेंï भारतीय टीम के लिए ड्रेस डिजाइन की। 1991 मेंï अपने पहले स्टूडियो लावण्य की शुरुआत की। कई अवार्ड, कई सम्मान पाने वाली रितु सफलता की सीढ़ी पर लगातार आगे बढ़ती जा रही हैï। प्रस्तुत है उनसे बातचीत के कुछ अंश …
आप स्वयं को मुख्यधारा से जुड़ी डिजाइनर कहलाना क्योंï पसंद करती हैï?
मंैï एक कॉस्मोपोलेटिन डिजाइनर हूं और हर तरह की औरत के लिए परिधान डिजाइन करना पसंद करती हूं। मैïं नहीïं चाहती कि मैïं सिर्फ एक खास वर्ग या समाज के एक विशेष माने जाने वर्ग के लिए कपड़े तैयार करूं जो केवल फैशनेबल परिधान पहनने मेïं विश्वास करता है। मुझे लगता है कि मेरा दायित्व है कि मंैï हर औरत के लिए डिजाइन बनाऊं। चाहे वह औरत दिल्ली की हो, भारत की या विश्व की।
आप किस तरह से अपनी उस औरत को पारिभाषित करती हैंï?
मेरे खयाल से आज की नारी बहुत ही प्रगतिशील और आधुनिक है। उसके लिए सुंदर होना उतना मायने नहीï रखता जितना कि एक व्यक्तित्व होना। वह जानती है कि वह क्या चाहती है। वह पति के आधिपत्य को सहने के बजाय आज उसकी शक्ति बनी हुई है। औरत के लिए उत्साही होना बहुत जरूरी है। मेरे हिसाब से उत्साही औरत वह है जो अपने मन को जानती है, जो किसी के बहकावे मेïं नहीï आती। वह सिर्फ इसलिए अपने विचार नहींï बदलती क्योïंकि पति ऐसा चाहता है। मैंï फेमिनिस्ट नहींï हूं न ही मैंï कहती हूं कि पुरुष गलत होते हैïं।
आपको लगता है कि जो स्त्रियां आक्रामक रुख अपनाती हैंï वही सही होती हैïं?
मंैï विद्रोह करने को सही नहींï मानती हूं। चुप रहकर भी अपनी बात कही जा सकती है। बिना चिल्लाए या शोर मचाए भी अपनी बात कहने की उसकी पास शक्ति है। मैंï नहींï चाहती कि वे सहे लेकिन अपनी बात कहने के लिए नारेबाजी करना भी ठीक नहीïं है। लेकिन वही औरत सफल हो सकती है जो पूर्णतया शारीरिक और मानसिक रूप से संतुष्टï हो।
आप एक परिष्कृत नारी के रूप मेïं स्वयं के लिए किस तरह की भूमिका निर्धारित करती हैï?
मंैï अपने आपको ऐसी भूमिका मेंï खड़ी पाती हूं जिसने भारतीय फैशन को विश्वव्यापक स्तर पर स्थापित कर दिया है। मंैï चाहती हूं कि विदेशी यह समझ लेïं कि भारत की छवि वैसी नहीï है जो वे पिक्चर पोस्टकार्ड पर देखते हैï। मैïं उन्हेंï यह यकीन दिलाना चाहती हूं कि भारतीय स्त्री बहुत ही सशक्त है और वह किसी भी तरह की जिम्मेवारी उठा सकती है।
आपको लोग एक रहस्यात्मक स्त्री के रूप मेï परिभाषित करते हैïं। क्या आप इस रूप मेंï फिट होती हैïं?
मंैï कुछ भी कहलाना पसंद नहींï करती क्योïंकि मंैï जो हूं वही मेरी सच्चाई है। लेकिन फिर भी मैïं बोङ्क्षरग औरत कहलाने के बजाय रहस्यात्मक कहलाना ज्यादा पसंद करूंगी। कोई भी नीरस लोगोï को पसंद नहीï करता है। जीवन मेïं किसी तरह का उत्साह और जीवंतता तो अवश्य ही होनी चाहिए।
आपको लगता है कि भारतीय पुरुष आम तौर पर बोङ्क्षरग होते हैïं?
सचमुच बहुत ही बोङ्क्षरग हैï क्योïंकि वे अपने दृष्टिकोण, अपनी सोच मेंï इस तरह उलझे हुए हैïं कि उन्हेंï लगता है कि वे सबसे बेहतर हैï। अपवाद हो सकते हैंï। उनके विकास की गति या तो बहुत धीमी है या रुकी हुई है।
क्या आपको अकेली औरत के दबाव को झेलना पड़ता है?
मुझे अकेली औरत होने के सिर्फ लाभ ही दिखाई देते हैï। मुझे इसकी कतई परवाह नहीïं कि किसके साथ मेरा नाम जोड़ा जा रहा है या लोग मेरे बारे मेंï क्या अफवाहेï उड़ा रहे हैïं। मेरा अपने कार्यों, अपने माता-पिता और अपने घनिष्ठï मित्रोंï के प्रति एक दायित्व है। मैंï केवल उन्हींï लोगोïं के लिए जवाबदेह हूं। अकेली औरत होने के फायदे ज्यादा हंैï नुकसान कम। मेरा किसी के साथ कोई संबंध है, मैïं इस तरह की अफवाहोï से परे हंू, मेरे साथ इतने अच्छे दोस्त हैï जिन पर मुझे गर्व है, जिन्हेïं मैंï प्यार करती हूं।
आपने कहा कि औरत तभी सफल हो सकती हंै अगर वह शारीरिक और भावनात्मक रूप से संतुष्टï हो। आपके लिए उस संतुष्टिï का स्तर क्या है?
यह वह बिंदु है जहां आपका आपके साथ, आपके कार्यों के साथ तादात्म्य है। आपकी दुनिया प्रत्येक स्थिति और वातावरण के साथ आपका सामंजस्य है। ऐसा नहींï होना चाहिए कि आप किसी से बात तो कुछ और कर रहे हैंï और आपके दिल मेï कुछ और है। इस तरह आप सही बात नहींï कह पाएंगे। आपको कभी भी संतुष्टि नहींï मिलेगी। मैïं पूर्ण रूप से भावनात्मक रूप से तुष्टï हूं और शारीरिक रूप से तभी संतुष्टï हुआ जा सकता है जब आप उस व्यक्ति के साथ होï जिसे आप पूरी तरह पसंद करते हैïं। अन्यथा यह स्वयं को छलना जैसा होगा।
आपकी मुलाकात आज तक अनेक पुरुषोïं से हुई होगी तो क्या आपको ऐसा कोई नहीïं मिला जो आपको शारीरिक और भावनात्मक रूप से संतुष्टï कर सके?
मंैï बहुत ही आदर्शवादी हूं। मेरे हिसाब से हर चीज परफेक्ट होनी चाहिए। मेरी बहुत सारी मांगेï हैï। मेरे लिए उस परफेक्ट स्थिति को पाना बहुत ही कठिन है। मैंï अभी तक अपने मन को यह बात समझा नहीï पाई हूं कि जीवन मेंï सब कुछ सौ प्रतिशत नहीïं मिलता है। मुझे ऐसी औरतोंï से जलन होती है जिनके साथ एक सशक्त कंधा होता है, प्यारे बच्चे होते हैïं, बेहतरीन रिश्ता और कैरियर होता है। मंैï नियति पर विश्वास रखती हूं चाहे वह जीवन के संबंध मेंï हो या कैरियर के। मैंï मानती हूं कि जब सही समय आता है तभी कोई काम होता है।
कभी-कभी अकेलापन महसूस होता है क्या आपको?
हां, पर यह अकेलापन भी जरूरी है। अगर आप शादीशुदा हैï तो भी अकेलेपन की जरूरत होती है। थोड़ी सी उदासी, थोड़ा सा एकांत कोना आपके व्यक्तित्व का विकास करता है। जब कभी मंैï अपने मन की किसी खास बात को शेयर करना चाहती हूं, किसी खास पल को बांटना चाहती हूं तो जरूर मुझे एक साथी की कमी महसूस होती है। लेकिन मैंï उस परफेक्ट साथी का इंतजार करने के लिए तैयार हूं।
आप बहुत ज्यादा रोमांटिक हैंï लेकिन जिंदगी कहीïं ज्यादा कठोर और जटिल है?
मैंï मानती हूं कि मैïं बहुत ज्यादा रोमांटिक हूं लेकिन मैïं उन बातोïं पर यकीन करना चाहती हूं जिन्हेïं मैंï मानती हूं। रोमांटिक होना जीवन की जटिलता से बाहर आने मेï मदद करता है। अन्यथा आप या तो पागल हो जाएंगे या सनकी और लगेगा कि जिंदगी खूबसूरत नहीï है।
क्या आप स्वयं को सेटेल मानती हैï?
मुझे बताइए सेटेल होने का क्या अर्थ होता है। जिन औरतोंï की शादी हो गई है क्या वे सेटेल हंैï। वे अपने दिल और दिमाग से इस तरह अव्यवस्थित हैï कि एक असुविधाजनक जीवन जीने के लिए बाध्य हैï। मैंï वर्तमान स्थितियोïं मेंï बहुत खुश हूं। मैïं बहुत ही आत्मनिर्भर स्त्री हूं और जीवन जीने का मेरा एक अलग ढंग है। जब आप किसी और के साथ जीवन जीते हैï तो आपको उसकी तरह से समझौता भी करना पड़ता है। मंैï एक स्वप्नदृष्टïा हूं और मैंï नित निॢमत करने मेंï विश्वास रखती हूं। मेरे जीवन मेïं किसी तरह का खालीपन नहीïं है।
डिजाइनरोंï की दुनिया अजीबोगरीब है। क्या यह बात सही है? क्या इस दुनिया मेंï औपचारिकता, दिखावा ज्यादा ही है?
यह सही है। डिजाइनर भी और आॢटस्ट की तरह प्रतिभाशाली होते हैï। उनकी भी अपनी भावनाएं, जटिलताएं और असुरक्षाएं होती हैï और उनसे निबटने के उनके तरीके। मुझे नहींï लगता कि यह दिखावटी दुनिया है। रचनाशील व्यक्ति दूसरोंï से भिन्न होता ही है। हमारी दुनिया मेंï सामाजिक व्यस्तता बहुत होती है। पाॢटयोï मेïं जाना पड़ता है।