प्रदेश के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों में विश्वास की भावना पैदा हो और वह किसी प्रकार से अपने आपको उपेक्षित न समझें। इसी भावना को लेकर काम करने की दृढ़ इच्छा शक्ति और संकल्प के साथ मध्यप्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष अनवर मोहम्मद खान से अपना कार्य भार ग्रहण किया।
भोपाल में 12 अगस्त 1950 को श्री अस$गर मोहम्मद खान के यहां जन्म लेने वाले श्री अनवर मोहम्मद खान ने बी.ए. तक शिक्षा हासिल की है और पारिवारिक जि़म्मेदारियों के चलते आगे पढऩे की इच्छा उनके मन में ही रह गई। परिवार में सबसे बड़े होने के कारण श्री अनवर मोहम्मद खान ने अपने 6 भाईयों एवं 1 बहन की देखरेख में अपने पिता का हाथ बखूबी बंटाया।
वर्ष 1972 से जनसंघ के सक्रिय सदस्य रहे अनवर मोहम्मद खान 1977 में एकीकृत जनता पार्टी और उसके बाद भाजपा की स्थापना के समय से भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ता रहे हैं। उनका कहना है कि चूंकि उनकी विचारधारा राष्ट्रवादी है अत: भाजपा से उनका लगाव रहा और उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत से जो भाजपा पूर्व में जनसंघ का दामन थामा तो कभी फिर जुदा नहीं हुए और पूरी निष्ठा और सेवा भावना से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते रहे।
यही कारण है कि आज उनको मध्यप्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पद जैसी अहम जि़म्मेदारी सौंपी गई है। उनका कहना है कि अब चूंकि मुझे एक संवैधानिक पद पर नियुक्त किया गया है तो मैं अब निष्पक्ष रूप से सभी अल्पसंख्यक वर्गों तथा व्यक्तियों के हित के लिए कार्य करूंगा। इसमें पार्टी, जाति, धर्म की कोई बंदिश नहीं होगी। प्रदेश में जहां कहीं भी अल्पसंख्यकों के हितों की उपेक्षा होगी अथवा उनका उत्पीडऩ होगा, वहां पर आयोग के माध्यम से मामले की जांच करवा कर अल्पसंख्यक वर्ग को न्याय दिलाने का पूरा प्रयास करूंगा।
श्री अनवर मोहम्मद खान भाजपा युवा मोर्चा के ब्लॉक अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष तथा प्रदेश भाजपा युवा मोर्चा के कोषाध्यक्ष रह चुके हैं। वह भाजपा युवा मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी रहे हैं। आयोग का अध्यक्ष नियुक्त होने के समय वे भाजपा के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चा के पदाधिकारी थे। आयोग में नियुक्त के कारण उन्होंने फिलहाल उस को छोड़ दिया है।
श्री अनवर मोहम्मद अनवर खान साहित्यिक, सामाजिक और शैक्षणिक गतिविधियों से भी जुड़े रहे हैं। उनकी संस्था आईना- ए-अदब द्वारा कई सांस्कृतिक एवं साहित्यिक आयोजन किये गये। वह कई शैक्षणिक संस्थाओं में पदाधिकारी रहे हैंं और विगत 15 वर्षों से हर वर्ष शाहपुरा भोपाल में आदिवासी महिलाओं का सामूहिक विवाह समारोह भी करवाते रहे हैं। रायसेन जिले की रेडक्रास सोसायटी से भी वह जुड्े भी जुड़े रहे। इसके साथ ही छावनी चंदनपुरा ग्राम से पंच, धामधूसड़ से जनपद सदस्य भी निर्वाचित हो चुके हैं। श्री खान कृषि उपज मण्डी औबेदुल्लागंज के उपाध्यक्ष तथा मण्डीदीप साडा के डायरेक्टर भी रह चुके हैं।
उनका पैतृक व्यवसाय कृषि है और उनके परिवार जन स्टोन क्रेशर का कार्य करते हैं। भोपाल के साथ ही उन्होंने रायसेन जिले में भी सामाजिक एवं जनहित के कार्यों में अपना योगदान दिया है।
वे कहते हैं कि प्रदेश के अल्पसंख्यकों में विश्वास की भावना जगाने उनके उत्पीडऩ रोकने और उनको उनके संवैधानिक अधिकारों को दिलाने के लिए सहयोग करने की भूमिका को वह पूरी निष्ठा से निभायेंगे और प्रदेश के अल्पसंख्यकों को प्रदेश के विकास में अपनी भरपूर भागीदारी के लिए भी प्रेरित करेेंगे।
उन्होंने बताया कि आयोग के सूचना केन्द्रों के माध्यम से राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा अल्पसंख्यक कल्याण के लिए संचालित योजनाओं की जानकारी अल्पसंख्यक वर्ग तक पहुंचाना और अल्पसंख्यक वर्ग के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करना ही आयोग का दायित्व है और इसे पूरा करने में वह कोई कसर नहीं रखेंगे।
उनका मानना है कि वर्तमान में प्रदेश के अल्पसंख्यकों की शैक्षणिक, आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति ठीक नहीं है और उसे सुधारने के लिए बहुत अधिक मेहनत करना होगी। अल्पसंख्यक वर्ग में शिक्षा के प्रति जागरूकता लाना होगी, उनको आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए कार्य योजनाओं पर ईमानदारी से अमल करना होगा और सामाजिक तौर पर उनके उन्नयन के लिए प्रयास करना होंगे। यह सभी कार्य केवल शासन-प्रशासन द्वारा ही नहीं पूरे किये जा सकते, बल्कि इसके लिए सभी लोगों से उनका कहना है कि वह अपने संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक रहें, केंंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उठायें। यदि कहीं उपेक्षित महसूस करते हों तो आयोग में आकर इसके संबंध में सूचना दें। आयोग मामले की जांच की उचित कार्यवाही करेगा।
– रईसा मलिक (नवम्बर 2005 में सातवां फलक में प्रकाशित आलेख)