वैसे तो रोटी, कपड़ा और मकान को आमजन की मूलभूत आवश्यकताएं माना जाता रहा है लेकिन आज के आधुनिक युग में इस सूची में एक नाम और जुड़ गया है क्या आप बता सकते है कि वह नाम क्या है? हालांकि वह हम सभी के लिए एक जरूरी आवश्यकता बन चुकी है सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक, बगाों से लेकर बड़ो, किसान के लेकर व्यापारी, गांव से लेकर शहर, आम से लेकर खास नागरिक हर किसी की आवश्यकता बन चुकी है ये चलिए अब बिना देरी किये आपको बता ही देते है आपकी इस आधुनिक आवश्यकता के बारे में जनाब इस आधुनिक आवश्यकता का नाम है बिजली।
जी हां बिजली वही बिजली जिसे हम लगभग २४ घंटे इस्तेमाल करते हैं हमारे भोजन से लेकर नहाने तक की जिम्मेदारी आजकल बिजली पर है इसका कुछ देरी के लिए गुल होना पूरे घर या ये कहे पूरे मोहगे में हाहाकार मचा देता है। ये तो हमारे आम उपयोग की बात है कई व्यापार, उद्योग धंधे तो संचालित ही पूरी तरह बिजली से होते हैं ऐसे में इतनी बिजली का उत्पादन और वितरण बेहद जटिल कार्य है ।
लेकिन इस जटिल कार्य को अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के चलते मध्यप्रदेश सरकार ने न केवल पूर्ण किया बल्कि अब अंगुलियों में गिने जाने वाले उन चंद राज्यों में शामिल हो चुका है, जहाँ सभी उपभोक्ताओं के साथ ग्रामीण क्षेत्र के घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है। यही नहीं कृषि उपभोक्ताओं को भी 10 घंटे बिजली प्रदाय की व्यवस्था है।
गौरतलब है प्रदेश में 6 बिजली कंपनियों के कुशल समन्वय एवं प्रबंधन से 10 हजार मेगावाट से अधिक बिजली की माँग की शत-प्रतिशत सप्लाई से मिसाल कायम हुई है। प्रदेश में विगत 5 वर्ष में विद्युत आपूर्ति में लगभग 64 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। विगत वर्ष में कुल 6380 करोड़ यूनिट विद्युत की आपूर्ति की गई, जो वर्ष 2014-15 की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक रही। प्रथम बार पिछले रबी मौसम में 10 हजार मेगावॉट से अधिक विद्युत आपूर्ति की गई। राज्य में वर्तमान में विद्युत की पर्याप्त उपलब्धता है। वर्तमान में प्रदेश में 17 हजार 169 मेगावाट बिजली की उपलब्ध क्षमता है। विद्युत की यह उपलब्धता दीर्घकालीन विद्युत क्रय अनुबंधों के आधार पर सुनिश्चित की गई है। प्रदेश में मांग के अनुरूप बिजली की आपूर्ति करने के लिए वर्ष 2022 तक का रोडमेप तैयार किया गया है। इस दौरान प्रदेश की बिजली की उपलब्ध क्षमता बढ़कर 22 हजार 513 मेगावाट हो जाएगी।
उगेखनीय है कि प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भी व्यापक कार्य किये गये हैं। विगत 3 वर्ष में इसमें लगभग 2670 मेगावॉट क्षमता वृद्धि की गई है, जिससे प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता 3107 मेगावॉट हो गई है।
यहां इस बात का उगेख भी आवश्यक है कि भारत सरकार के केन्दीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा जारी नये आँकड़ों के अनुसार देश के 37 राज्य एवं यूटिलिटी में सिर्फ 6 राज्य में 10 हजार मेगावॉट से अधिक बिजली उपलब्ध है। इन राज्यों में मध्यप्रदेश भी एक है। महत्वपूर्ण है कि प्रदेश में जितनी बिजली की माँग है, उससे अधिक बिजली की उपलब्धता है। आंकड़ों पर नजर डाले तो वर्ष 2015 के दौरान बिजली के मामले में कुछ नये रिकार्ड भी मध्यप्रदेश ने कायम किये हैं। गत वर्ष 25 दिसम्बर को राज्य के इतिहास में सर्वाधिक 10 हजार 902 मेगावाट बिजली की माँग की आपूर्ति सफलता से कर नया रिकार्ड स्थापित किया गया। वहीं 20 अक्टूबर 2015 को 22 करोड़ 48 लाख 74 हजार यूनिट बिजली सप्लाई कर एक दिन में सबसे अधिक बिजली प्रदाय करने का रिकार्ड भी बन चुका है।
प्रदेश के नागरिकों को बिजली की निरंतर आपूर्ति प्रदाय के लिए प्रतिबद्व प्रदेश सरकार ने अपनी कोशिशो के चलते कई उपलब्धियां भी हासिल की है जैसे कृषि उपभोक्ताओं को प्रतिदिन 10 घंटे गुणवत्तापूर्ण बिजली प्रदाय के साथ ही वितरण ट्रांसफार्मर की संख्या में भी तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले 5 साल में 2 लाख 31 हजार नये ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये हैं। विगत 5 वर्ष में 7 लाख 32 हजार स्थायी पम्प कनेक्शन प्रदान कर 55 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गयी। मध्यप्रदेश में नये अति उच्च-दाब उप-केन्द्र रिकार्ड संख्या में स्थापित हुए हैं वहीं विगत पाँच वर्ष में वितरण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के लिये किये गये कार्यो मेंं 599 नये 33 के.व्ही. उप-केन्द्र की स्थापना, 8861 किलोमीटर 33 के.व्ही. एवं एक लाख 27 हजार किलोमीटर 11 के.व्ही. की नयी लाइन का निर्माण शामिल है। इसके अलावा 2 लाख 31 हजार नये वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना के साथ ट्रांसफार्मरों की संख्या बढ़कर 4 लाख 98 हजार हो गई हैं यहां यह बताना आवश्यक नहीं कि बिजली उत्पादन में वृद्धि के साथ ही उपभोक्ताओं की संख्या में भी वर्ष दर वर्ष इजाफा हुआ है एक तरफ जहां वर्ष 2003-04 में जहाँ विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या 64 लाख 40 हजार थी, जो वर्ष 2015-16 में बढ़कर एक करोड़ 22 लाख 75 हजार से अधिक हो गयी है।
24 घंटे बिजली का निबार्ध उपभोग करने के कारण प्रदेश का नागरिक होने व बिजली उपभोगकत्र्ता होने के नाते हम इतना तो कह ही सकते हैं कि हमारी प्रदेश सरकार लगातार हमारी सुविधाओं के लिए कार्य कर रही है उसके परिणाम भी हम देख ही रहे हैं वैसे भी आज की आधुनिक जीवन शैली में बिजली की उपयोगिता से कौन अनभिज्ञ है बिजली के बढ़ते उपभोग को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि आधुनिक युग की आवश्यकता है बिजली। – सूर्यदेव