आज लगभग साढ़े छह करोड़ घरोंï मेïं एल.पी.जी. प्रयोग मेंï लायी जाती है। इकोफ्रेïंडली होने के कारण गैस गृहणियोïं के लिए सुविधाजनक है परंतु इसे इस्तेमाल करते समय कुछ सावधानियाँ बरतना जरूरी हैं-
* गैस सिलेïंडर को खिलौना समझ कर उसके साथ खिलवाड़ न करें।
* रात मेïं सिलेïडर का रेग्यूलेटर बंद किये बगैर सोने न जाएँ।
* जिस प्लेटफॉर्म पर चूल्हा रखा हो, उसके ऊपर कोई शेल्फ या रैक नहीïं होनी चाहिए।
* गैस की सप्लाई के लिए आई.एस.आई. मार्क वाली रबर ट्यूब ही खरीदेïं।
* नियमित रूप से रबर ट्यूब को चेक करेïं। साल-दो साल मेंï कम से कम एक बार रबर ट्यूब बदल देïं।
* खाना पकाते समय हमेशा सूती वस्त्र ही पहनेंï।
यदि गैस लीक करे
* रेग्यूलेटर को बंद कर देïं।
* कोई भी ऐसा सामान जो आग पकड़ सकता है, उसे किचेन से हटा दें। अगरबत्ती, धूपबत्ती आदि भी किचेन से हटा देïं।
* सारे दरवाजे और खिड़कियाँ खोल देï, जिससे कि हवा अच्छी तरह से आ-जा सके।
* माचिस न जलाएं।
* बिजली का कोई भी स्विच न छुएं।
* जल्द से जल्द पास के गैस वाले या फिर इमरजेïंसी सर्विस सेïंटर वाले को बुलाएं।
क्योïं लगती है आग
* खराब हो चुकी रबर ट्यूब से गैस लीक करने लगती है।
* गैस सिलेंïडर, रेग्यूलेटर आदि से छेड़छाड़। यह बहुत महंगा पड़ता है।
* रेग्यूलेटर की नॉब बंद न करने के कारण।
* पानी, दूध या किसी और पेय पदार्थ को बहुत देर तक खौलने के लिए छोड़ देने पर भी आग लग सकती है।
जल्दी खत्म न होगी गैस
* यदि परिवार के सब लोग साथ-साथ खायेïं तो गैस कम खर्च होती है, कारण खाना बार-बार गर्म नहीïं करना पड़ता है।
* एक बार कोई चीज खौलने लगे तो गैस धीमी कर देंï।
* खाना पकाने के लिए उतना ही पानी प्रयोग मेïं लायेï जितनी जरूरत हो।
* जब छोटे बरतन मेïं खाना पकायेंï तब छोटे बर्नर का ही प्रयोग करेïं।
* खाना पकाते समय गैस की लौ धीमी रखेïं।
* खाना ढँककर ही पकायें।
* फ्रिज मेंï रखा कोई सामान गैस पर चढ़ाने से पहले सामान्य तापमान पर लायें।
* खाना बनाना शुरू करने से पहले सारी सामाग्री एकत्र कर लेïं।- पल्लवी