मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि गरीबों को रोजगार और मजदूरी दिलाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। जनजातीय बहुल जिलों में मनरेगा के कार्य प्राथमिकता से हों। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा कर रहे थे। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मनरेगा में मजदूरों के खातों में शत-प्रतिशत मजदूरी का समय पर भुगतान किया जाए। जहाँ मजदूर आसानी से मिलें, ऐसे जिलों में मनरेगा के कार्यों को बढ़ावा दिया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सड़क, तालाब और अधो-संरचना विकास के कार्य तेजी से पूरे किए जाएँ। जरुरतमंद लोगों को कार्य मिले। रोजी रोटी देने के कार्य में कोई कमी नहीं रहे। प्रदेश में मनरेगा के कार्यों की ज्यादा आवश्यकता है। इसके लिए केंद्र सरकार से और अधिक राशि की मांग की जाए। ग्राम रोजगार सहायकों के मानदेय में वृद्धि की कोशिश करें। बैठक में ग्राम रोजगार सहायकों का मानदेय 1000 रूपये बढ़ाने पर भी चर्चा हुई।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पेसा नियम के क्रियान्वयन में योगदान के लिए बनाए गए जिला समन्वयक, ब्लॉक समन्वयक और पेसा मोबलाइजर के पदों की भर्ती की प्रक्रिया की जाँच की जाए। किसी भी स्थिति में फर्जी भर्ती न हो। ग्राम पंचायतों में पदस्थ सचिवों को प्रतिमाह वेतन देना सुनिश्चित करें। वेतन किसी भी हालत में रूकना नहीं चाहिए, इसके लिए विभाग गंभीरता से कार्य करे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गाँवों में सामुदायिक भवन बनवाने के लिए राशि जुटा कर कार्य करें। साथ ही जो घोषणाएँ की गई है, उन्हें पूरा किया जाये। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री जन-आवास योजना के कार्यों पर भी विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री जन आवास योजना की घोषणा 15 अगस्त 2022 को की गई थी। उन्होंने निर्देश दिए कि स्वीकृत आवासों को शुरु कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता अभियान में गंभीरता से कार्य करें। गोवर्धन परियोजना के कार्य में प्रगति बढ़ाई जाए। सड़कों के संधारण के लिए प्राथमिकता का निर्धारण किया जाए और पेसा नियम का व्यापक प्रचार-प्रसार करें।