जिंदगी में जिंदादिली जरूरी

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आधुनिक जीवन की भागदौड़ मेंï फँसकर हममेंï से हजारोï ऐसे हैï, जो अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय होम कर देते हैï। बगैर यह सोचे समझे कि आखिर हम जिस चीज को पाने जा रहे हैï, उससे संतोष मिलेगा भी या नहीï? यही वजह है कि कैरियर के चरम पर भी अनेक लोगोï को नैराश्य मेंï डूबा देखा जा सकता है।
उदाहरण के तौर पर डॉ. राजलक्ष्मी को ही लेï, डॉक्टर बनने के लिए उसने दिन को दिन और रात को रात नहीï समझा। नतीजतन उसकी मेंहनत रंग लाई और वह डॉक्टर बन गई। इसके बाद उसने कुछ नये लक्ष्य तय किए और उन्हेï पाने के फेर मेंï घर-परिवार, नाते-रिश्तेदार सबको भूल गई। राजलक्ष्मी ने अपने उन लक्ष्योï को हासिल भी किया, लेकिन उन्हेï हासिल करने के बाद आज उसको लगता है कि उसने इस फेर मेंï बहुत कुछ खो दिया है। वह मानती है कि अगर उसने कुछ समय अपने समेंत परिवार को दिया होता तो आज उसे अपनी जिंदगी मेंï इस तरह वैराग्य का सामना न करना पड़ रहा होता।
यह ऐसी मन:स्थिति है, जिससे आज अधिकांश महिलाएं जूझ रही हैï। उन्हेï ऐसे माहौल मेंï जीना पड़ रहा है, जहाँ उनमेंï हर क्षण नकारात्मक सोच घेर लेती है। लेकिन, इससे तो कुछ होने वाला नहीï। खासकर जब हम सभी जानते हैï कि जिंदगी जिंदादिली का नाम है। जिंदगी मेंï इस जिंदादिली को वापस लाने के लिए नयी शुरुआत करने मेंï कोई हर्ज नहीï है। इसके लिए जरूरी है यह समझ विकसित करने की कि बदलाव कभी भी समय का मोहताज नहीï रहता।
आत्म विश्लेषण करना होगा
जीवन मेंï बदलाव लाने के लिए जरूरी है कि आप नये सिरे से जिंदगी की शुरुआत की ठान लेï। इसके बाद यह मान लेï कि आप चाहेï तो सब कुछ कर सकती हैï, जरूरत बस थोड़े व्यवस्थित होने की है। इसके बाद यह विचार करेï कि ऐसी क्या चीज है जो आपको परेशान कर रही है। इससे आप बदलाव के लिए मानसिक तौर पर तैयार हो जाएंगी। अपने आप से पूछेï कि क्या आपकी अपने काम मेंï रुचि समाप्त हो चुकी है? या फिर सहयोगियोï से कोई शिकायत है? या फिर आप पर काम का बोझ कुछ ज्यादा ही है? ये सब इसलिए, क्योïकि जिंदगी मेंï बदलाव से पूर्व आत्म विश्लेषण बहुत जरूरी हो जाता है।
सकारात्मक सोच रखें
यह कभी न भूलेï कि आशावादी शख्स निराशावादी की तुलना मेंï कहीï तेजी से सफलता प्राप्त करता है। एक प्रसिद्ध लोकोक्ति को न भूलेï कि ‘जैसा आप सोचते हैï जिंदगी वैसी ही आकार लेती है।Ó इसे समझते हुए भूत और भविष्य की चिंता छोड़ वर्तमान पर ध्यान केïद्रित करेï। साथ ही अपनी योजनाओï पर व्यवस्थित ढंग से सावधानी व सकारात्मकता के साथ विचार करेï।
स्थिति का आंकलन अवश्य करें
इससे तात्पर्य यह है कि आपको अपने गुण-दोष पता होने चाहिए। अपनी क्षमता और प्रतिभा का ईमानदारी से विश्लेषण करेï। इसके बाद उस काम को चुनेï, जिसे करने मेंï आपको मजा आए। काम सिर्फ पैसे कमाने के लिए न करेï, बल्कि वह करेï जिससे संतुष्टिï मिलेï। इस चयन मेंï सावधानी से काम लेï। वहीï चुनेï जिसे दिमाग के साथ साथ दिल भी इजाजत दे। एक बार चयन कर लेï फिर पूरे आत्मविश्वास के साथ उसकी प्राप्ति मेंï लग जाएं।
योजनाएं बना कर काम करें
दीर्घकालिक योजनाएं बनाएं और उनके क्रियान्वयन के लिए जुट जाएं। यह भी जानेï कि आपको नए उद्देश्य की प्राप्ति के लिए किस-किस की आवश्यकता पड़ सकती है। मसलन शिक्षा, आर्थिक संसाधन आदि आदि। इसके बाद इन्हेï जुटाने के प्रयास शुरु करेï। जैसा कि कैरियर काउंसलर श्रीलता सेनगुप्ता कहती भी हैï कि ‘व्यावसायिक स्तर पर जीवन मेंï बदलाव के लिए आत्म विश्लेषण बहुत जरूरी है। इसे ध्यान मेंï रखते हुए अपने उद्देश्य समेंत पंचवर्षीय योजना का खाका खीïच लेï और उसकी प्राप्ति के लिए ईमानदारी से हरसंभव प्रयास करेï।Ó
मानसिक स्तर मजबूत करें
यदि कोई व्यक्तिगत स्तर पर हताशा का शिकार हो तो उसके लिए भी कुछ क्या बहुत कुछ है, जिसके बलबूते वह अपने जीवन मेंï नये रंग भर सकता है। सबसे पहले आप अवांछित भार अपने दिल और दिमाग से हटा देï। बात-बात पर अपने को दोषी ठहराना बंद कर देï। ध्यान रखेï कि व्यक्तिगत स्तर पर बदलाव के लिए आपको शारीरिक के साथ मानसिक स्तर पर भी तैयार होना पड़ेगा।
पुरानी जड़ों से जुड़ाव जरूरी
अपने नाते रिश्तेदारोï और मित्रोï संग मेंलजोल बढ़ाएं। आपको यह देखकर आश्चर्य होगा कि वे किस खुशी के साथ बांहे फैला कर आपका स्वागत करते हैï। अपने प्रियजनोï और शुभचिंतकोï के साथ बातचीत से ही आपके भावनात्मक घाव भरने शुरु हो जाएंगे।
विनोदी होना जरूरी
भावनात्मक झटके के बाद मुंह लटका कर बैठने के बजाय जीवन मेंï खुशी की तलाश करेï। इसके लिए कार्टून फिल्म देखने से बेहतर और कुछ नहीï हो सकता। इससे आपमेंï जो हँसी का संचार होगा वह बचपन की हँसी की तरह निश्छल और पवित्र होगा। इस हँसी के साथ आपको लगेगा कि आपके जीवन मेंï नये रंग आने शुरु हो गए हैï।
खुद को दोष न दें
महिलाएं अक्सर रिश्तोï मेंï टूट के लिए स्वयं को जिम्मेंदार मानने लगती हैï। ऐसे मेंï जिंदगी को नये सिरे से जीने के लिए बहुत जरूरी हो जाता है कि आप स्वयं को सजा न देï। इसके बजाय यह ध्यान रखेï कि आपका वजूद भी महत्वपूर्ण है। अपने पर विश्वास रखेï।
फिटनेस के प्रति जागरूक रहें
अति तो हरएक चीज की बुरी है। इसे ध्यान रखते हुए खाना-पीना और सोना छोड़ देने से भावनात्मक घाव भरने वाले नहीï। उलटे स्वास्थ्य पर ही विपरीत प्रभाव पड़ेगा। अत: भरपूर भोजन करेï और भरपूर नीïद लेï। साथ ही सुबह-शाम टहलेï, योगा करेï, जिम जाएं। इससे न सिर्फ व्यक्तित्व मेंï निखार आएगा, बल्कि अंदर से मजबूती भी महसूस होगी, जो किसी भी नये काम के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है।
क्रियाशील बनना होगा
अपने को दिन भर व्यस्त रखने के लिए नई-नई चीजेï सोचें। नई-नई रुचियां विकसित करेï। दोस्तोï के साथ घूमेंï फिरें और रोमांचक क्रियाकलापोï मेंï व्यस्त रहेï। संक्षेप मेंï स्वयं को व्यस्त बनाए रखने के लिए हमेंशा क्रियाशील रहेï। साथ ही स्वयं को बोरियत व नकारात्मक सोच से भी बचाएं।
संपूर्णता का अहसास
अपने दुर्भाग्य पर रोने के बजाय यह सोच विकसित करेï कि आपको बहुत कुछ जिंदगी ने दिया है। इस सोच से संपूर्णता का अहसास होता है, जो जीवन मेंï सकारात्मक सोच लाने के साथ आत्मविश्वास मेंï वृद्धि लाने का काम भी करता है।
आलोचना से भी प्रेरणा मिलती है
बदलाव की दिशा मेंï कदम बढ़ाते ही आपको एक चीज के लिए हमेंशा तैयार रहना चाहिए और वह है आलोचना। इसका सामना आपको हरहाल मेंï करना ही पड़ेगा। इसे समझते हुए आलोचना को भी अपने पक्ष मेंï करने की आदत डालेï। यानी उसकी चिंता मत करेï, कारण अधिकांश लोग आलोचना सिर्फ आलोचना करने के लिए ही करते हैï। इसके विपरीत सकारात्मक आलोचना से आगे बढऩे मेंï मदद मिलती है।
बस अब ठान लेï कि आपको जिंदगी के प्रत्येक लम्हे को भरपूर जीना है और अपनी जिंदगी को एक मकसद देना है। इसके बाद लग जाएं जिंदगी मेंï नये रंग भरने मेंï और आप पाएंगी कि जिंदगी फिर रंगबिरंगी हो गई है, जहाँ रोमांच और आनंद हर पल खुशियां बिखेर रहा है।
– द्भड्र्ढं