अगर आप जागरूक हैं, तो प्रदूषण कम करने में आपकी अहम भूमिका हो सकती है, क्योंकि आपकी जागरूकता समाज और राष्टï्र को नई दिशा दे सकती है। आज के वातावरण में जिधर भी दृष्टिï डालें, प्रदूषण ही प्रदूषण दिखाई देता है। वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, जल प्रदूषण और विचारों का प्रदूषण। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार यदि 75 डेसीबल आवृति की आवाज लगातार छह घंटों तक सुनाई दे, तो व्यक्ति बहरा हो सकता है। इसलिए अगर आप सजग हों, तो इन प्रदूषणों को रोकने में एवं ऊर्जा बचत करने में विभिन्न तरह से अपनी भूमिका अदा कर सकती हैं
अगर आप के पास विस्तृत जगह है, तो अत्यंत विस्तृत लान की जगह छोटा लॉन रखें, बची हुई जगह में किचन गार्डन बनाएं, जिससे घर में ता$जी सब्$िजयां उपलब्ध हो सकें। हां, इसके लिए आपको अपना थोड़ा सा वक्त और परिश्रम देना होगा। शेष जगह में सड़क के किनारे की ओर अशोक, नीम, गुलमोहर और थोड़े से अंदर की ओर फलों के पेड़ लगाएं। वैज्ञानिक तथ्य है कि वृक्ष शुद्ध वायु का संचार करते हैं और ध्वनि प्रदूषण को रोकते हैं, साथ ही घर में हरे – भरे पेड़ – पौधे हों, तो मन और आंखों को काफी शांति मिलती है।
प्रयास रहे कि सप्ताह में एक बार ही बा$जार जाएं, पूरे सामान की लिस्ट बनाकर रखें, कपड़ों के थैले लेकर जाएं। प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल न करें। कचरे को कभी भी घर के बाहर या सड़क पर न फेकें। फलों, सब्$िजयों के छिलके एक अलग बर्तन में डालकर रखें, ताकि कोई भी पशु उसे खा सके। फलों, सब्$िजयों के छिलके और शेष बचे खाद्य पदार्थ को कभी भी पोलीथिन में न फेकें। ये थैलियां पशुओं के मुंह में जाकर उनके मृत्यु का कारण बनती हैं।
ते$ज आवा$ज में टीवी, टेप और सीडी वगैरह न चलाएं। विभिन्न चैनल्स पर दिखाए जाने वाले प्रोग्राम बाल मन और युवा पीढ़ी को दिग्भ्रमित कर रहे हैं। याद रखें कि विचारों का प्रदूषण अन्य प्रदूषण से अधिक भयावह है।
यदि आपके बच्चे बड़े हैं और उन्हें पूरे दिन गाड़ी लेकर घूमने की आदत है, तो उन्हें समझाएं कि ऐसा करने से एक तो पेट्रोल की खपत अधिक होती है, दूसरे सड़कों पर भीड़ बढ़ती है और ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है। छोटे – मोटे कार्यों के लिए पैदल या साइकल से जाया जा सकता है। साइकल चलाने से शारीरिक व्यायाम होता है और ऊर्जा की बचत होती है।
गर्मियों में देश के कई राज्यों को भयंकर सूखे का सामना करना पड़ता है। हमारे देश में जलस्तर दिनोंदिन गिरता जा रहा है, इसलिए आपका दायित्व है कि व्यर्थ पानी के बहाव को रोके। सब्$िजयों से धुले पानी को आप किचन गार्डन में एवं कपड़े धोने से बचे पानी को फर्श की सफाई में प्रयोग ला सकती है। पानी की एक – एक बूंद कीमती है। अत: इसका महत्व समझें और पूरे परिवार को समझाएं।