पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा की पत्नी श्रीमती विमला शर्मा का निधन

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पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा की पत्नी विमला शर्मा का 15 अगस्त को देर रात्रि नईदिल्ली के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। विमला शर्मा शंकर दयाल शर्मा की दूसरी पत्नी थीं, उनकी पहली पत्नी का नाम सावित्री देवी था। 93 वर्षीय विमला शर्मा को दो दिन पहले तबीयत बिगडऩे पर मेदांता में भर्ती कराया गया था। वह कोरोना संक्रमित भी हुई थीं, लेकिन उस पर विजय प्राप्त कर ली थी। वह किडनी व दूसरी बीमारियों से भी ग्रसित थीं।
देश के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ शंकरदयाल शर्मा की पत्नी विमला देवी शर्मा मध्यप्रदेश के रायसेन जिले की पहली महिला विधायक रही हैं। सन 1985 में जिले की उदयपुरा सीट से वे विधायक रहीं थी। इस सीट के 1962 में अस्तित्व में आने पर पहले विधायक उनके पति डॉ शंकर दयाल शर्मा चुने गए थे। डॉ शर्मा इसके पहले अविभाजित मप्र के मुख्यमंत्री भी रह चुके थे। 1962 में उनके उदयपुरा से चुनाव जीतने के बाद अगले दो चुनाव तक यह सीट कांग्रेस के गढ़ के रूप में तब्दील हो गई थी। वर्ष 1977 में इसे अपने कब्जे में लाने के लिए जनता पार्टी ने ठाकुर गोवर्धन सिंह कुशवाह को मैदान में उतारा और कांग्रेस से यह सीट छीन ली। डॉ शंकरदयाल शर्मा तब तक इंदिरा सरकार में कैबिनेट मंत्री बन चुके थे और यहां मप्र कांग्रेस इस सीट को फिर हथियाना चाहती थी तब डॉ शर्मा की पत्नी विमला देवी शर्मा को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया और वे चुनाव जीतकर जिले की पहली महिला विधायक बनी। डॉ शर्मा के उपराष्ट्रपति बन जाने के कारण विमला शर्मा आगे चुनाव नहीं लडऩा चाहती थी।
डॉ शंकरदयाल शर्मा के देश के उपराष्ट्रपति और फिर राष्ट्रपति बन जाने के बाद भी क्षेत्र के जैथारी से नाता बना रहा। उनका जन्म रायसेन जिले के जैथारी ग्राम में हुआ था। यहां पैतृक मकान के साथ कृषि भूमि थी। पिताजी वैद्यशाला चलाते थे। डॉ शर्मा वर्ष 1949 में लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे। तब उन्होंने लिखा था कि मैं उस जन्मभूमि का पुत्र हूंं, जहांं की जनता इतनी जागृत और निर्भीक है कि यहां के वीर बौरास का अद्भुत दृश्य उपस्थित कर सकते हैं। गौरतलब है कि देश की आजादी के बाद उदयपुरा भोपाल रियासत में आता था और विलीनीकरण आंदोलन में बौरास घाट पर तिरंगा फहराने पर कई युवा बलिदानी हुए थे। डॉ शर्मा 1962 से 71 तक उदयपुरा विधायक रहे।