बहुत महत्वपूर्ण है महिला पत्रकारों की भूमिका

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यूं तो समाज के प्रत्येक क्षेत्र में महिलाएं वर्तमान में अपनी एक सशक्त भूमिका निभा रही हैं। आज कोई क्षेत्र ऐसा नहीं बचा है जहां महिलाएं सक्रिय न हों, आज हर क्षेत्र में हर कार्य में महिलाएं उत्कृष्ट कार्य कर अपने आपको सक्षम सिद्ध कर चुकी हैं और नित नये आसमानों को छू रही हैं। हमारे समाज में ऐसे अनेक उदाहरण उपलब्ध हैं जहां महिलाओं ने अपने पुुरुषों को भी पीछे छोड़ दिया है।
महिलाएं आज बड़े-बड़े व्यापारिक-औद्योगिक प्रतिष्ठानों के प्रमुख के रूप में बहुत बढिय़ा कार्य कर रही हैं। खेल के क्षेत्र में भी महिलाओं ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। साहित्य सृजन में भी अनेक महिलाओं ने प्रतिष्ठित पुरस्कार जीत कर देश का नाम रोशन किया है। कुल मिला कर यह कहा जा सकता है कि महिलाओं को जिस कार्य की जिम्मेदारी दी जाती है उसे वह बहुत बेहतर ढंग से अंजाम देती हैं।
पत्रकारिता ऐसा क्षेत्र है जहां पहले कभी पुरुषों का वर्चस्व माना जाता था, परंतु अब धीरे-धीरे इस क्षेत्र में भी महिलाओं ने अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराना प्रारंभ कर दिया है। आज देश में ऐसी नामी महिला पत्रकार हैं जो मिसाल बन चुकी हैं। पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर आज महिलाएं पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। चाहे वह मैदान में रह कर समाचार संकलन का कार्य हो अथवा पत्रकारिता से संबंधित अन्य कार्य सभी में महिलाएं अपनी योग्यता का प्रदर्शन कर रही हैं।
आज समाज और देश एक बदलाव के दौर से गुजर रहा है। समाज में एक बैचेनी है और देश में भ्रष्टाचार और दूसरे कई मुद्दों पर जनता जागरुक होकर लामबंद हो रही है। ऐसे समय में मीडिया की भूमिका बहुत अधिक सक्रिय रहते हुए समाज को, राष्ट्र को और आमजन को सही मार्ग दिखाने की है। पिछले दिनों देखने में भी आया है कि ऐसे अनेक मुद्दों और आंदोलनों को मीडिया के सक्रिय होने के कारण बल मिला है और आज देश में भ्रष्टाचार के जो मामले उजागर हो रहे हैं और भ्रष्टाचारियों पर जो लगाम कसी जा रही है उसमें मीडिया की सक्रियता का भी एक बहुत अहम रोल है।
ऐसे समय में महिला पत्रकारों की भूमिका बहुत अहम हो जाती है। क्योंकि महिला किसी भी समाज की, किसी भी परिवार की धुरी होती है और अच्छी-बुरी बातों को अपने बच्चों को अपने परिजनों को समझाने-बताने में उसकी भूमिका होती है। आज राष्ट्र में हो रही गतिविधियों को, कार्यों को निष्पक्ष रूप से जनता के सामने लाने और जो कार्य गलत हो रहें हैं उनके विरुद्ध सशक्त ढंग से आवाज़ उठाने में महिला पत्रकार अपनी निर्भीक कलम से आवाज़ उठा सकती हैं और बिना किसी भेदभाव के, बिना किसी डर के समाज हित में, राष्ट्रहित में जनहित से जुड़े मुद्दों को उठा कर एक अच्छे समाज के निर्माण में, राष्ट्र की प्रगति में अपनी भूमिका निभा सकती हैं।
ऐसा नहीं है कि पत्रकारिता का क्षेत्र कोई बहुत सरल है। यहां भी अनेक चुनौतियां हैं जिनका सामना महिला पत्रकारों को करना पड़ता है। आज महिला पत्रकारों के सामने पत्रकारिता के मैदान में अपने को सिद्ध करने की, अपनी काबलियत साबित करने की चुनौती है। इस क्षेत्र में कम महिलाओं के होने के कारण भी महिलाओं को बहुत सावधान होकर कार्य करना पड़ता है। अपना दामन बचा कर अपने कार्य का निर्वहन करना एक बड़ी चुनौती है जो हर महिला पत्रकार के सामने रहती है। यदि महिला पत्रकार दृढ़ता से बिना किसी के दबाव में आकर कार्य करती है तो वह अपने आप में मिसाल बनती है।
आज महिला पत्रकारों के सामने भी उसी प्रकार की समस्त चुनौतियां हैं जो कि किसी भी क्षेत्र में कार्य करनी वाली महिलाओं के सामने होती हैं। महिला पत्रकारों को इन चुनौतियों से जूझते हुए अपने आपको उत्कृ़ष्ट साबित करना होगा। महिला पत्रकार अपने आपको अकेला न समझें और पत्रकारिता के क्षेत्र में आने वाली दिक्कतों और समस्याओं से जूझने में उनका मार्गदर्शन और सहयोग मिले इसके लिए आवश्यक है कि किसी स्तरीय पत्रकार संगठन में वह सदस्य बनें ताकि समय आने पर उनके हितों की रक्षा के लिए किसी फोरम से उनकी आवाज उठ सके। ऐसा ही एक संगठन है जर्नलिस्ट यूनियन आफ मध्यप्रदेश (जम्प), जो कि एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पत्रकारों के यूनियन से संबद्ध है, जिसका मुख्यालय बेलजियम में है। इस संगठन का संबंध राष्ट्रीय संस्था से भी जिसका एक राष्ट्रीय सम्मेलन विगत वर्ष भोपाल में जम्प द्वारा आयोजित किया गया था। जम्प की महिला विंग की मैं प्रांतीय अध्यक्ष हूं और समस्त सक्रिय महिला पत्रकारों से आग्रह करती हूं कि इस संगठन से जुड़े, ताकि महिला पत्रकार संगठित होकर अपने अधिकारों की आवाज़ बुलंद कर सकें। पत्रकारिता के क्षेत्र में महिलाओं को उनका अधिकार प्राप्त हो, उनके साथ किसी भी प्रकार का अन्याय न हो सके। इसी उद्देश्य को लेकर हमारी यह विंग कार्य करेगी।
कहा जाता है किसी भी पुरुष की सफलता के पीछे किसी न किसी महिला का हाथ होता है। इसी प्रकार हम कह सकते हैं कि महिलाओं को आगे बढ़ाने में, उनको प्रोत्साहन देने में, उनको सहयोग करने में पुरुषों का भी बहुत बड़ा योगदान होता है। स्त्री और पुरुष समाज के दो ऐसे पहलू हैं जो एक दूसरे के सहयोग के बिना आगे नहीं बढ़ सकते हैं। बिना महिलाओं के सहयोग के कोई पुुरुष जीवन में उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त नहीं कर सकता। इसी प्रकार से पुरुषों के सहयोग और प्रोत्साहन के बिना महिलाएं आगे नहीं बढ़ सकतीं। इस मामले में एक-दो अपवाद हो सकते हैं, परंतु अधिकांशत: बिना एक दूसरे के सहयोग के सफलता की सीढिय़ा चढऩा आसान नहीं होता।
आज हमारा समाज, हमारा राष्ट्र तभी प्रगति कर सकता है जब हमारे समाज के दोनों वर्ग, महिला एवं पुरुष कंधे से कंधा मिला कर अपनी भूमिका का ईमानदारी और पूरी निष्पक्षता के साथ निर्वहन करें। हमारा पत्रकार संघ प्रदेश की महिला पत्रकारों के उत्थान, विकास और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए पूरी शक्ति के साथ कार्य करता रहेगा ऐसा हमारा विश्वास है।
– रईसा मलिक, प्रांतीय अध्यक्ष (महिला विंग) जम्प