मोहम्मद अय्यूब: भोपाल का नाम रोशन करता संगीत सितारा

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  • मोहम्मद अय्यूब: भोपाल का नाम रोशन करता संगीत सितारा
    यूं तो भोपाल सदा से ही फनकारों शायरों, अदीबों की सरज़मीन माना जाता रहा है। यहां के शायरों में जहां जावेद अख्तर, असद भोपाली ने फिल्मी दुनियां में भोपाल का नाम रोशन किया, वहीं कैफ भोपाली, शैरी भोपाली, बासित भोपाल, मंजर भोपाली आदि ने शायरी के क्षेत्र में भोपाल के नाम को रोशन किया। वहीं कैफ भोपाली, शैरी भोपाली, बासित भोपाल, मंजर भोपाली आदि ने शायरी के क्षेत्र में भोपाल के नाम को रौशन किया। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए संगीत सितारे मोहम्मद अय्यूब भी भोपाल का नाम अपने पुन से रोशन कर रहे हैं और इस कम उम्र में उन्होंने जो शोहरत और इज्जत हासिल की हे और अपने लाखों चाहने वाले बनाये हैं, ऐसी उपलब्धि कम ही लोगों को नसीब हो पाती हैं।
    भोपाल में 2 फरवरी 196। को जन्म लेने वाले मोहम्मद अय्यूब का ताअल्लुक मेवात घराने के प्रसिद्ध गायकों उस्ताद घसीटा खां और साहब हैं जो उनके बड़े बाबा थे। उनके पिता स्व. अब्द़ुल गफूर साहब भी बहुत अच्छे गायक थे जो कि शास्त्रीय संगीत के बहुत अच्छे ज्ञाता थे। 6 साल की उम्र से गाना शुरू करने वाले मोहम्मद अय्यूब को अपने पिता से ही प्रेरणा मिली और उन्होंने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा अपने पिता जी से ही ली।
    मोहम्मद रफी और गुलाम अली को अपना आदर्श मानने वाले मोहम्मद अय्यूब बताते हैं कि मुकेश के गाने सुनने के बाद म़ुझे फिल्मी गाने गाने का शौक पैदा हुआ। मुकेश का गाया गीत ‘जाने कहां गये वो दिनÓ ही सबसे पहले मोहम्मद अय्यूब ने स्टेज पर गाया था। मोहम्मद अय्यूब ने गीत-संगीत की अनेकों प्रतियोगिताओं में भाग लिया और अधिकांश में उनको प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। उनके कार्यालय में औेर निवास पर जीते गये ढेरों इनाम अपनी कहानी आप बयान करते हें।,
    मोहम्मद अय्यूब कहते हैं कि बहुत इनाम जीतने के बाद एक वक्त ऐसा असाया जब मैंने सोचा कि अब मुझे इन प्रतियोगिताओं में भाग लेना बंद कर देना चाहिए, ताकि और अन्य उभरते गायकों की भी हौसला-अफजाई हो सके।
    अय्यूब पुरानी याद करते हुए बताते हें कि एक प्रतियोगिता के दौरान मुझे ऐसी उम्मीद थी कि मुझे कम से कम तीसरा स्थान तो मिलेगा ही, परंतु जब तीसरे स्थान पर आये प्रतियोगी का नाम पुकारा गया तो मुझे लगा कि अब कम से कम मुझे दूसरा स्थान मिलेगा, परंतु जब दूसरे स्थान पर आने वाले का नाम पुकारा गया तो वहां पर भी दूसरे गायक का नाम पुकारा गया। मुझे लगा कि मेरे इतने अच्छे प्रदशर्न के बाद भी मेरा नाम क्यों नहीं पुकारा उसी क्षण मैंने सोच लिया कि यदि अब मैं प्रथम स्थान पर नहीं आया तो गाना छोड़ दूंगा। उसके बाद उद्घोषक मुनव्वर भाई ने जब उपस्थित श्रोताओं से पूछा कि किसे प्रथम स्थान दिया जाये तो सभी मेरा नाम पुकारने लगे। परंतु मुनव्वर भाई ने कहा कि इनको प्रथम पुरस्कार नहीं दिया जा सकता इतना सुनते ही मेरे तो होश ही गुम हो गये कि यह क्या हो रहा है। लेकिन उसके फौरन बाद ही मुनव्वर भाई ने कहा कि क्योंकि यह स्टेज पर प्रथम इनाम लेने नहीं आ रहे। यह सुनकर मेरी जान में जान आई और मैंने स्टेज पर जाकर अपना पुरस्कार ग्रहण किया।
    स्व. शकीला बानों भोपाली के साथ भी मोहम्मद अय्यूब अपना कार्यक्रम प्रस्तुत कर चुके हैं। इसके अलावा मशहूर फिल्मकार महेश भट्ट अक्षय कुमार आदि भी अय्यूब के प्रशंसकों में शामिल हैं। अपने प्रारंभिक दिनों में अय्यूब ने मुम्बई में 20-22 साल तक रहते हुए वहां भी अपने कार्य कार्यक्रम प्रस्तुत किये।
    उनके पिता की इच्छा थी कि मेरा मन संगीत नामक एक संगीत विद्यालय की स्थापना की जाये, जिसमें गीत-संगीत का प्रशिक्षण दिया जाये, परंतु ऐसा हो न सका। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हुए मोहम्मद अय्यूब ने भोपाल में मेरा मन संगीत के नाम से म्यूजिकल ग्रुप की स्थापना की। मोहम्मद अय्यूब दुबई, बहरीन, मस्कत, अबुधाबी, आलेन, रासुलखेमा आदि स्थानों पर अपने कार्यक्रम प्रस्तुत कर चुके हैं और शीघ्र ही उनके अमरीका में अपने संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत करने की आशा है। मध्यप्रदेश के तमाम शहरों के साथ ही भारत के विभिन्न स्थानों पर वह अपने कार्यक्रम प्रस्तुत कर चुके हैं।
    भोपाल में आयोजित होने वाले गीत-संगीत के कार्यक्रमों में मोहम्मद अय्यूब की उपस्थिति कार्यक्रम में चार चांद लगा देती है। अब तक मोहम्मद अय्यूब देश के प्रतिष्ठत रानीतिज्ञों फिल्म कलाकारों एवं अन्य क्षेत्रों की प्रसिद्ध हस्तियों के समक्ष अपना कार्यक्रम प्रस्तुत कर चुके हैं और उनकी वाहवाही भी उन्होंने लूटी है।
    मोहम्मद अय्यूब के चाहने वालों में हर वर्ग के व्यक्ति शामिल हैं। सभी मोहम्मद अय्यूब की गायकी और उनकी सादगी के प्रशंसक हैं। मोहम्मद अय्यूब को आकाशवाणी और दूरदर्शन द्वारा भी मान्यता प्राप्त हैं और उनके अनेक कार्यक्रम आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर प्रसारित हो चुके हें।
    संगीत के क्षेत्र से बेहद प्यार करने वाले मोहम्मद अय्यूब की इच्छा हे कि उनके बेटे भी संगीत के क्षेत्र में अपना नाम पैदा करें, क्योंकि उनका मानना है कि यह क्षेत्र ऐसा है जिसमें लोगों का भरपूर प्यार, मोहब्बत, इज्जत और शोहरत सभी हासिल होती हे। लकिन उनका कहना है कि इस क्षेत्र में अपने या न आने केका फैसला मैं उन पर ही छोड़ूंगा।
    $गज़लें, गीत, कव्वाली और फिल्मी गीतों में समान महारत रखने वाले अय्यूब विशेष रूप से $गज़ल गाना पसंद करते हैं परंतु श्रोताओं की मांग पर फिल्मी गीत भी वह गाते हैं विशेष कर मुकेश और मोहम्मद रफी के गीतों को वह बहुत अच्छे ढंग से पेश कर सुनने वालों को मंत्रमुग्ध कर देते हंै।
    अपने परिवार के बारे में बताते हुए मोहम्मद अय्यूब कहते हैं कि मैँ अपने परिवार को बहुत प्यार करता हूं, लेकिन व्यस्तताओं के चलते उनको पूरा समय नहीं दे पाता हूं। लेकिन फिर भी मैं कोशिश करता हूं कि जब भी मुझे थोड़ी-बहुत फुर्सत मिले में अपने परिवार के साथ कुछ वक्त गुजारूं।
    भविष्य में भोपाल में एक अच्छे रिर्काडिंग स्टूडियो की स्थापना करने की इच्छा रखने वाले मोहम्मद अय्यूब पूछने पर बताते हें कि नये गायकों को संगीत की शिक्षा देने के लिए भी वह एक प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना करेंगे।
    फिल्मी गायकों में मोहम्मद रफी मुकेश और गज़ल गायकों में गुलाम अली, मेंहदी हसन, हरिहरन, जगजीत सिंह आदि को पसंद करने वाले मोहम्मद अय्यूब के गाने का अपना एक अलग ही अंदाज़ है, जिसे सुनकर श्रोता उनके प्रशंसक बने बिना नहीं रह पाते हैं और बार-बार उनका गायन सुनने की इच्छा उनके मन में उमड़ती है।
    भोपाल में संगीत के क्षेत्र में कलाकारों को पर्याप्त प्रोतसाहन नहीं मिलने की बात करते हुए मोहम्मद अय्यूब कहते हें कि नये कलाकारों के बहुत मेहनत करना चाहिए और लगातार रियाज़ करते हुए अपनी संगीत साधना को जारी रखना चाहिए। ऐसा न हो कि दो-चार गाने गा लेने के बाद अपने आपको गायक समझने लगें। उनका कहना है कि संगीत तो ऐसा क्षेत्र हैं जहां व्यक्ति सदैव कुछ न कुछ सीखता रहता हे।
    मोहम्मद अय्यूब की एक गज़लों व गीतों की सीडी भी जारी हुई है जिसमें 12, ग़़ज़लों एवं गीतों का समावेश किया गया है। इसमें उनके द्वारा गाई ग़ज़लें एवं गीत इस प्रकार है:-
    1 उनकी तलब का जलवा……………..
    2 तूने कुछ न कहा हो…………………
    3. मैं ख्याल हूं किसी और का………..
    4. झूम कर गाओ मैं शराबी नहीं हूं……
    5. जानता हूं कि वो खफा भी नहीं……..
    6. दर्द के फूल निगाहों में खिलाने आओ…….
    7. ऐ वीं तें में डोला पंजाबी गीत…………
    8. मेरे रश्के कमर…………..
    9. जि़न्दगी से बड़ी सज़ा ही नहीं……….
    10. चमकते चांद को टूटा हुआ तारा……..
    11. अकेले हें चले आओ………..
    12. सुहानी चांदनी रातें…………..
    इनमें से कुछ गज़लें ऐसी हैं जिनकों श्रोता पहले भी दूसरे गायकों द्वारा सुन चुके हैं, परंतु इन गजलों और गीतों को अय्यूब ने अपने अंदाज़ में पेश कर अलग ही समां बांध दिया है। इनमें कुछ गजलें ऐसी भी हैं जिन्हें मोहम्मद अय्यूब ने पहली बार पेश किया हे। जिनको सुन कर श्रोता मंत्रमुग्ध हुए बिना नहीं रह सकते।
    भोपाल का नाम संगीत जगत में रोशन करने वाले संगीत सितारे मोहम्मद अय्यूब से उनके प्रशंसकों और भोपाल वासियों को बहुत उम्मीदें हैं और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भोपाल का नाम रोशन करेंं। – रईसा मलिक
    सातवां फलक के नवम्बर 2005 के अंक में प्रकाशित