हर किसी की तमन्ना होती है कि जहां कहीï भी जायेï लोगोïं की नजरोंï मेंï छा जायेï और पार्टियोंï की शान बन जायेï। इस तमन्ना को पूरा करने के लिए महिलाएं घर से बाहर निकलते समय खासतौर पर भड़कीले और स्टाइलिश कपड़ों का चुनाव करती हैïं। लेकिन इस चक्कर मेंï कई महिलाएं पार्टियोï की शान न बनकर मजक का पात्र बन जाती हैï।
परिधान का महत्व
आकर्षक दिखना काफी हद तक परिधान पर निर्भर करता है। खासतौर पर महिलाओïं के लिए सबसे ज्यादा ध्यान रखने वाली बात यह है कि वह क्या और कैसे परिधान पहनती हैं। आकर्षक दिखने के लिए जरूरी नहींï है कि पाश्चात्य कपड़े ही पहनेïं, विशुद्ध भारतीय परिधानोंï मेंï भी गजब का आकर्षण होता है।
फैशन जगत मेंï नित नए परिधान प्रस्तुत किए जाते हैï जो रैम्प पर चलने वाली मॉडलोïं पर आकर्षक भी लगते हैंï। लेकिन जो कपड़े मॉडलोंï ने रैम्प पर पहनें हैंï वह आप पर भी उतने ही अच्छे लगेंïगे, इसमेंï संदेह है। फैशनेबल कपड़ोïं का चुनाव करते समय यह अवश्य ध्यान देïं कि माडलोंï मेंï और आपमेïं काफी अंतर है। यह अंतर सुंदरता का नहींï बल्कि उनके माहौल और स्थिति का है।
गरिमामय हों कपड़े
जमाने के अनुरूप कपड़े पहनना अच्छी बात है और नए फैशन का प्रयोग करना भी गलत नहीïं, लेकिन ऐसा करते समय माहौल, अवसर, रंग-रूप और अपनी उम्र का ख्याल अवश्य रखेंï।
कोई महिला क्या पहनती है, यह उसका व्यक्तिगत मामला हो सकता है लेकिन महज दिखावे के लिए किसी परिधान का चुनाव करना समझदारी नहीïं है। पहना गया परिधान आरामदायक तो होना ही चाहिए, साथ ही अवसर के मुताबिक भी।
सेक्स अपील
कुछ युवतियोïं की नजर मेïं उनका पहनावा ही उनकी सेक्स अपील होता है। वे सेक्स अपील का सही अर्थ जाने बिना तरह-तरह के प्रयोग कर डालती हैïं। वास्तव मेंï सेक्स अपील केवल कपड़ोंï से नहींï आती। इसमेंï आपका संपूर्ण लुक एक महत्वपूर्ण कारक होता है।
व्यवहार कुशलता की भूमिका
कई बार कुछ महिलाओïं के बारे मेंï सुना जाता है कि वह जब तक मुंह नहींï खोलतीं तब तक सुंदर दिखती हैïं। कहने का प्रयोजन यह कि कोई महिला चाहे फैशनेबल कपड़े पहनें या सामान्य। यदि उसका व्यवहार अच्छा है अर्थात सभी से प्रेमपूर्वक बातचीत करती हैं तो वह सबका मन मोह सकती हैं।
मेकअप:- यदि आप अपने मेकअप का भी ख्याल रखेंï तो सुंदरता चार गुना बढ़ जाती है। मेकअप करते वक्त इस बात का विशेष ध्यान रखेंï कि ऐसा न हो कि चेहरा लिपा-पुता सा लगने लगे। मेकअप मेïं संतुलन होना चाहिए। जिस दिन कोई आयोजन है उस दिन मौसम कैसा है, किस समय शिरकत करनी है यानी दिन है कि रात है और अपनी आयु का ख्याल रखेंï। हेयर स्टाइल जो आप पर फबती हो वही अपनायेïं।
सादगी का जादू
सादगी का भी अपना सौïदर्य होता है, लेकिन सादगी का मतलब यह नहींï है कि आप मेकअप न करेïं या मंहगे कपड़े न पहनेïं। यह अवसर के मुताबिक होना चाहिए जैसे किसी पूजा-पाठ के अवसर पर बहुत भारी साड़ी पहन कर जाएंगी तो यह बेढब लगेगा। सहेलियोïं की शादी मेïं कुछ नए स्टाइल अपना सकती हैïं लेकिन दूर के रिश्तेदारोïं, या सामान्य परिचितोंï के यहां जाने मेïं कपड़ोïं मेंï भड़कीलापन तो हो लेकिन असामान्य न होï। यदि पार्टी का कोई ड्रेस कोड है तो इस बारे मेंï समय से जानकारी प्राप्त कर लेï। जेवर, पर्स और अन्य एक्सेसरीज का चुनाव अपनी ड्रेस के हिसाब से करेï। इन चीजोïं का ख्याल न रखने से भी ड्रेस की खूबसूरती कम हो जाती है। कई बार समझदारी से पहने गए गहने सादी पोशाक की खूबसूरती को भी काफी उभार देते हैïं।- सुशीला