मध्यप्रदेश कांग्रेस सेवा दल के नवनियुक्त मुख्य संगठक श्री योगेश यादव जन्मजात कांग्रेसी हैं और राजनीति में पदार्पण से लेकर आज तक विभिन्न पदों पर उल्लेखनीय कार्य कर चुके हैं। प्रस्तुत है रईसा मलिक से उनकी बातचीत के प्रमुख अंश :-
प्र.- आप राजनीति में कब से हैं?
उ.- हमारी पारिवारिक पृष्ठïभूमि प्रारंभ से ही कांगे्रसी रही है और बचपन से ही मैंने अपने घर में राजनीतिक माहौल देखा। मेरे दादा स्वाधीनता संग्राम सेनानी थे जो सुभाषचन्द्र बोसजी के निर्देश पर बर्मा चले गए थे। बचपन से ही हम कांग्रेसी झण्डा उठाते थे। सक्रिय राजनीति में मैं सन्ï1978 में आया। जब इंदिरा जी को गिरफ्तार किया गया तब मैंने भी गिरफ्तारी दी थी। उस समय मेरी उम्र बहुत कम थी।
प्र.-आपको राजनीति में आने की प्रेरणा किससे मिलीïï?
उ.- हमारे घर का वातावरण ही ऐसा था जिसमें कांग्रेस, नेहरू जी, इंदिरा जी, और साहित्य की ही बातें होती थीं यही सब देखकर मुझे भी कांगे्रस के प्रति निष्ठïा पैदा हुई, और मैं राजनीति में आया। मुझे बचपन से ही राजनीति के प्रति इतना लगाव था कि मुझे इंत$जार रहता था कि घर पर बड़ा झण्डा कब लगाना है। तिरंगा कब फहराना है।
प्र.- आपके आदर्श कौन हैं?
उ.- मेरे आदर्श महात्मा गांधी हैँ मैंने महात्मा गांधी को माना है उनको बहुत पढ़ा है, और उनके आदर्शों पर चलने का प्रयास करता हूँ।
प्र.- राजनीति में आने का आपका उद्देश्य क्या है?
उ.- आजादी के बाद से देश में बहुत काम हुआ है। नेहरू जी के बाद से इंदिरा जी ने सुदृढ़ भारत बनाया है, राजीव जी ने वैभवशाली भारत टेक्रालॉजी युग का प्रारंभ किया है। और हमारा देश विगत 50-60 सालों में काफी तरक्की किया है।
मेरा उद्देश्य देश से गरीबी को दूर करना। देश में सांप्रदायवाद और नफरत फैलाने वाले दलों और ऐसे लोगों के खिलाफ आवा$ज बुलंद करना है और संगठित रहते हुए समाज में खुशबू फैलाने का काम करना है।
प्र.- क्या आपने साम्प्रदायिकता से लडऩे के लिए कोई योजना बनाई है?
उ.- मध्यप्रदेश कांग्रेस सेवा दल की आगामी समय में यही योजना रहेगी कि हम लोग सम्प्रदायवाद के खिलाफ पूरी ता$कत से खड़े रहेंगे। अभी हम लोगों ने एक कार्यक्रम बनाया है। सभी शहरों में जहां भी गांधीजी की प्रतिमाएं हैं, गांधीजी की प्रतिमा पर और जहां नहीं हैं तो फोटो लेकर उपवास करें। लोगों में मोहब्बत और इख़्ालास का पै$गाम पहुंचायें।
प्र.- राजनीति की कोई ऐसी घटना जिसे आप भूल नहीं पाये?
उ.- कई घटनायें ऐसी हैं जिन्हें मैं नहीं भूल सकता। जैसे कि इन्दिरा जी के हाथों मैंने फूल लिया है। राजीव गांधी जी को मैंने महू में रक्त से तौला है। राजीव गांधी जी द्वारा पहनी गई सूत की माला 15-16 साल से सम्हाल के रखी।
प्र.- आप किन-किन पदों पर रह चुके हैं?
उ.- मैंने सन्ï 81-82 में शासकीय महाविद्यालय में महू के छात्र संघ का अध्यक्ष रहा। 83-84 में मैं शहर युवक कांग्रेस का अध्यक्ष रहा। 85 से 91 तक महू केन्टोमेंट बोर्ड का अध्यक्ष रहा। 90-94 तक जिला युवक कांग्रेस इन्दौर का अध्यक्ष, 94 से 96 तक संयुक्त सचिव मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी, 96 से 2000 तक कांग्रेस के पर्यवेक्षक के रूप में कार्य किया। 97 से 2001 तक शहर कांग्रेस कमेटी महू में अध्यक्ष, 98 से 2000 तक मध्यप्रदेश किसान कांग्रेस का अध्यक्ष तथा जून 2002 से नवम्बर 2003 तक मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम का उपाध्यक्ष रहा। बहुत कम उम्र में मैं महू गांधी भवन ट्रस्ट का अध्यक्ष भी रहा।
प्र.- राजनीति में आने के कारण परिवार के साथ तालमेल बिठाने में कोई कठिनाई तो नहीं होती?
उ.- मेरे परिवार का माहौल ही राजनीतिक रहा है और मेरे परिवार जन मुझे भरपूर सहयोग करते रहे हैं विशेष रूप से मेरी पत्नी बहुत समझदार हैं, वो मुझे सभी प्रकार से सहयोग करती हैं।
प्र- राजनीति के अतिरिक्त और क्या रूचियां हैं?
उ- मुझे लेखन का भी शौक है। मैंने अखबारों के लिये स्वतंत्र लेखन का कार्य किया, दैनिक भास्कर पत्र समूह के इन्दौर संस्करण में सम्पादकीय विभाग में नौकरी की। प्रमुख-पत्र पत्रिकाओं में आलेख, रचनाएं प्रकाशित हुईं। रेडियो के लिये नाटक- लेखन का कार्य किया, चर्चित नाटक काली-चींटी तथा युग-युगान्तर आदि हैं। कांग्रेस संगठन से संबंधित गहन अध्ययन एवं समीक्षात्मक दृष्टिïकोण को लेकर ‘कांग्रेस की संगठनात्मक शक्ति-दोहन नियोजन एवं संगठन की संभावनाएंÓ शीर्षक से एक पुस्तक का शीघ्र प्रकाशन हो रहा है।
प्र.- सेवा दल के कार्यकर्ताओं को आप क्या संदेश देना चाहेंगे?
उ.- सेवा दल के प्रत्येक कार्यकर्ता को मैं यही संदेश देना चाहंूगा कि हमें पीछे नहीं हटना। अपनी नीति, अपनी रीति, अपने सिद्घांत, अपनी गांधीवादी विचारधारा पर जमें रहना है। कोई कुछ भी कहता रहे किन्तु हम खुशबू फैलाने की बात करें। हिंसा के आगे, साम्प्रदायिकता के आगे, गुण्डों के आगे कभी झुकने की बात न करें। घर-घर जाकर शांति का संदेश फैलायें। सेवा दल तो कांग्रेस की आत्मा है, कांग्रेस की रीढ़ की हड्डïी है हम जाकर लोगों की समस्याओं को दूर करें। गरीबों के बीच जाकर काम करें, क्योंकि सेवा करना ही हमारा कर्तव्य है। हमें आज भी दरी बिछाने में, कुर्सी रखने में कोई शर्म नहीं आती। सेवा दल का कार्यकर्ता लोगों में जाकर चेतना बनाये।नोट:- यह साक्षात्कार लगभग 10 वर्ष पूर्व श्री योगेश यादव के मध्यप्रदेश कांग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष बनने पर लिया गया था।