हातिमताई के किस्से होïं या दादी-नानी की परीकथाएं; मैना का जिक्र आना आम बात है। भारतीय जनजीवन का अंग बन चुकी यह चिडिय़ा स्टॢनडाई परिवार की सदस्य है और अपने विभिन्न परिवॢतत रूपोंï मेंï लगभग पूरे विश्व मेंï पाई जाती है।
इस क्रम मेंï अगर सफेद रंग की राथचाइल्ड मैना (वैज्ञानिक नाम: ल्यूकोसॉर राथचाइल्ड) बाली-इंडोनेशिया मेïं मिलती है तो व्हाइट नेक्ड मैना (वैज्ञानिक नाम: स्ट्रेप्टोसिटा एलबिकोलिस) ने अपने निवास के लिए सुलावेसी-इंडोनेशिया का क्षेत्र चुना है। यलो फेस मैना (वैज्ञानिक नाम: मिनो ड्यूमोनिटी) न्यू गिनी मेंï बहुतायत से पाई जाती है और हिल मैना (वैज्ञानिक नाम: ग्रैकुला रिलीजियोसा) का बसेरा हिमालय के पूर्वी भाग से लेकर दक्षिण चीन-दक्षिण पूर्व एशिया मेïं विस्तृत है।
अगर संख्या की बात करेïं तो भारत की मूल निवासी कॉमन मैना (वैज्ञानिक नाम: एक्रिडोथेरस ट्रिस्टिस) इन सभी की सरताज है जो ईरान, दक्षिण पूर्व एशिया, अफ्रीका, अरब राष्ट्रोंï, आस्ट्रेलिया तथा कुछ प्रशांत द्वीप समूहोंï तक मेंï पाई जाती है!
यह जानना आश्चर्यजनक है कि जहाँ भारत मेंï कॉमन मैना को प्यार से पाला जाता है वहींï आस्ट्रेलिया सरकार इससे इतनी त्रस्त है कि वहाँ इसे मारने की मुहिम छिड़ी हुई है। ‘आस्ट्रेलिया सरकार की कॉमन मैना से दुश्मनी क्योंï हो गई है?Ó यह जानने के लिए इस चिडिय़ा की भोजन की आदतोंï को समझना होगा। यह सर्वभक्षी है जो कीड़े-मकोड़ोंï, दूसरी चिडिय़ोंï के अंडो-बच्चोïं, पालतू पशुओïं के आहार, फल-सब्जियोïं अर्थात किसी भी चीज को नहीï छोड़ती है। अपनी इसी प्रवृत्ति के कारण इसने आस्ट्रेलिया मेïं अंजीर की खेती को करारा झटका दिया है और दूसरे फलोïं के बगीचे भी इसकी चोïंच की मार से नहींï बच पा रहे हैïं!
कॉमन मैना का आकार 23 सेंïटीमीटर से 26 सेंïटीमीटर के बीच होता है। यह आस्ट्रेलिया के शहद खाने वाले पक्षी न्वायजी माइनर से इतनी मिलती-जुलती है कि पारखी भी धोखा खा जाते हंैï। दोनोïं की ही चोïंच, आँखोïं के निचले भाग और पंजोंï का रंग पीला तथा आकार लगभग समान होता है। अब बारी आती है अंतर पहचानने की तो कॉमन मैना का सिर काला वहींï न्वायजी माइनर का धूसर काला होता है। इसके अतिरिक्त कॉमन मैना की उड़ान के समय इसके पंखोïं मेïं सफेद चकत्ते दिखाई देते हैïं जबकि न्वायजी माइनर मेंï यह चकत्ते सलेटी रंग के होते हैï।
सुरीली आवाज निकालने वाली कॉमन मैना का प्रजनन काल फरवरी से सितंबर के बीच होता है। प्रणय निवेदन के समय नर अपना वक्ष फुला कर मादा को रिझाने के लिए सीटी जैसी आवाज निकालता है। वयस्क मादा एक साल मेंï तीन बार अंडे दे सकती हैं। यह सामान्य रूप से एक बार मेïं पाँच-छह अंडे देती है और खास बात यह कि अंडे सेने मेंï नर और मादा बराबर की भागीदारी करते हैï।
सभी मैनाओïं की तरह कॉमन मैना भी अपना घोïसला पेड़ोïं के कोटर मेंï बनाती है। मानव आबादी मेंï रहने वाले पक्षी अपना घोïंसला इमारतोïं के रोशनदानोंï पर भी रख लेते हैïं। घोंïसलोंï पर कब्जे के लिए कई बार नर और मादा के दो जोड़े आपस मेंï भिड़ जाते हैïं और कर्कश आवाज निकालते हुए एक-दूसरे पर चोïंच से तीखे प्रहार करते हैïं। – मनीष त्रिपाठी