सौंदर्य निखार का बढ़ता क्रेज़

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क्लाएंट के लिए जरूरी है ये जानना…
एक क्लाएंट के तौर पर आपको मांग करनी चाहिए कि आपको साफ टॉवेल और उपचारित रुई दी जाए। ब्लैकहेड रिमूवर एंटीसेप्टिक में रखा गया हो, यह सुनिश्चित कर लें।
यदि आपकी त्वचा पर बार-बार ब्लैकहेड या धब्बे होने की समस्या है, तो चेहरे की मसाज क्रीम से न होने दें। क्रीम तेल ग्रंथियों को और सक्रिय करेगी, रोम छिद्रों को अवरुद्ध करेगी। इससे संक्रमण हो सकता है। ब्लैकहेड संक्रमित होकर मुहांसे में तब्दील हो जाते हैं।
आपको यह भी जानने का हक है कि क्लीं$िजंग या मसाज के लिए किन प्रसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिस प्रसाधन उत्पाद का इस्तेमाल किया जा रहा हो। उसकी एक्सपायरी डेट भी चेक कीजिए।
यदि आप जानते हैं कि आपकी त्वचा संवेदनशील है, तो थ्रेडिंग और वैक्सिंग के समय सावधानी बरतें। असावधानी बरतने पर इससे त्वचा पर लाल चकत्ते या रैशज़ पड़ सकते हैं। यदि किसी भी सौंदर्य उपचार के दौरान आपको जलन हो या कोई अटपटा-सा अहसास हो, तो ब्यूटीशियन को तुरंत उस उपचार को रोकने के लिए कहें। किसी अंजान शहर में या नए पार्लर में आपको मेकअप करवाना पड़ रहा हो, तो बेहतर होगा अपने कॉस्मैटिक्स साथ ले जाएं।
किसी भी ब्यूटी पार्लर में जाने से पहले उसके बारे में जानकारी जरूर ले लें। बेहतर होगा कि प्रतिष्ठित पार्लर में ही सौंदर्य उपचार कराएं। यही बात प्रसाधनों के लिए भी सही है। गुणवत्ता पर कभी कोई समझौता न करें।
आप ब्यूटीशियन हैं..
सौंदर्य उपचार होते ही इसीलिए हैं कि त्वचा और बालों को स्वास्थ्य दिया जा सके। इसीलिए सौंदर्य विशेषज्ञ का ‘विशेषज्ञÓ होना जरूरी है।
जहां तक विशेषज्ञ के प्रशिक्षण का सवाल है, तो यहां केवल बुनियादी जानकारी नहीं, बल्कि मानव की शारीरिक संरचना, बालों, चेहरे आदि की आंतरिक बनावट तथा सभी तंत्रों की कार्यप्रणाली की जानकारी पूरी तरह से होना जरूरी है।मिसाल के तौर पर मसाज, मैनीक्योर, वैक्सिन, थ्रेडिंग आदि करते समय सौंदर्य विशेषज्ञ को रक्त संचार तंत्र, त्वचा के प्रकार और बालों की बढ़त की दिशा की न सिर्फ बाहरी, बल्कि आंतरिक जानकारी भी होनी चाहिए। उपचार के दौरान विशेषज्ञ त्वचा की ऊपरी मांसपेशियों और उसमें मौजूद नव्र्स (तंत्रिकाओं) पर भी काम करता है।
सौंदर्य के काम में लोगों से संवाद स्थापित करना पड़ता है और वो भी बेहद आत्मीयता से। साफ-सफाई इस काम का सबसे अहम् हिस्सा है।
चूंकि ब्यूटीशियन क्लाइंट के साथ करीबी संपर्क में रहती है, इसीलिए उसके बाल, कपड़े, हाथ, नाखून इत्यादि साफ होने चाहिए। हर सौंदर्य उपचार से पहले और बाद में उसे हाथ धोने चाहिए।
पार्लर का वातावरण भी साफ-सुथरा होना चाहिए।
सैलून में बाल काटे जाने के बाद, कटे हुए बालों को तुरंत हटाया जाना चाहिए।
वैशाली ने शादी से चार दिन पहले ब्राइडल ट्रीटमेंट के तहत, हाथों और पैरों की वैक्सिंग कराई। दूसरे दिन हल्दी की रस्म पर वह बाहर भी नहीं निकल सकी। छालों वाले हाथ-पैरों का उपचार एक माह तक चला।
सिया के पापा ने अपने बालों को कलर करवाने का निर्णय लिया। सैलून में उनके बालों में कलर लगाया गया, तो तुरंत उन्होंने जलन की शिकायत की। विशेषज्ञ ने ऐसा तो होता ही है, कहकर टाल दिया। दस मिनट के बाद उनके बाल गुच्छों में निकलने लगे। वे अब पूरी तरह गंजे हो चुके थे।
प्रियंका ने अपने पैरों के बालों का लेजर के ज़रिए स्थायी उपचार करवाना चाहा। इस मंहगे उपचार के दस सेशन होने थे। पांचवे सेशन में उसने पाया कि पैरों की त्वचा पर सफेद निशान पड़ गए हैं। इनसे मुक्ति में दस माह के चिकित्सकीय उपचार व बेइंतहा मानसिक यंत्रणा से गुज़रना पड़ा।
प्रथा डिप्रेशन के बुरे दौर से गुजर रही थी। वजह थी गलत सौंदर्य उपचार। दरअसल, उसे ब्लैक हेड्स की समस्या थी, जिनसे निजात पाने के लिए वो एक ब्यूटी पार्लर पर गई। ब्यूटीशियन ने उसके चेहरे पर स्टीम देने के बाद एक बॉब पिन (बालों का पिन) लेकर उसके ब्लैक हेड्स निकालने की कोशिश की।
ब्लैक हेड्स तो निकले नहीं, उल्टे चेहरा पूरी तरह फुंसियों से भर गया। सुंदर दिखने की चाह तो किसी युग में कम नहीं थी, लेकिन विज्ञापन जगत, सौंदर्य प्रतियोगिताओं और ग्लैमर की जो चमक वर्तमान को चौंधिया रही है, वैसी पहले कभी न थी।
इसी के चलते सौंदर्य सेवाओं और प्रसाधनों ने दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करने वाले उद्योग का दर्जा हासिल कर लिया है। नित नए ब्यूटी क्लीनिक्स या पार्लर खुलते दिखते हैं। चेन्नई शहर में 4500 पंजीकृत पार्लर्स हैं। 24 वॉर्ड वाले मुंबई के एक वॉर्ड के महज एक हिस्से में ही पिछले साल 1500 नए पार्लर खुले।
राष्टï्रीय आंकड़ा तो उपलब्ध नहीं है, लेकिन अपने आस-पास देखकर आप 11,000 करोड़ वाले इस सौंदर्य प्रसाधन तथा सौंदर्य सेवा वाले उद्योग के आकार का अंदाज़ा लगा सकते हैं। सौंदर्य प्रदान करने वाले विशेषज्ञों ने भी नई पहचाने प्राप्त कर ली हैं। कोई त्वचा संवारता है, तो कोई बाल, कोई शल्य उपचार करता है, तो कोई प्रकृति की मदद से रूप संवारता है, तो कई सबकुछ कर लेता है।
यही वजह है कि आजकल सौंदर्य विशेषज्ञों, त्वचा रोग विशेषज्ञ और सौंदर्य सुधारकों (कॉस्मैटोलॉजिस्ट) की तस्वीरें घुलती -मिलती जा रही हैं। कौन क्या है, पता ही नहीं चलता। किस पर विश्वास किया जाए?
ये विशेषज्ञ कई तरह के जटिल उपचार करते हैं, जिनकी कार्यप्रणाली समझना आम व्यक्ति के लिए आसान नहीं है। फिर भी अपने व्यक्तित्व का सबसे अहम पहलू यानी चेहरा किसी को सौंपते समय क्लाएंट को सजग रहना चाहिए। साथ ही ब्यूटीशियन को भी अपनी जानकारी को अपडेट करते हुए, उत्तरदायित्व को समझना होगा। – शहना$ज हुसैन