अनोखा जानवर है कस्तूरी सांड

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लंबे-लंबे बालोï वाले इस सांड़ का इतिहास आज से हजारोंï वर्ष पहले पृथ्वी पर अंतिम हिम युग से प्रारंभ होता है और इसे प्रकृति का चमत्कार ही कहेïंगे कि अंतिम हिम युग के समापन परअपने समकालीन मैमथ और बड़े बालोï वाले गैïंडे की प्रजातियोंï के लुप्त हो जाने के बावजूद यह स्तनधारी प्राणी जीवित बचा रह गया। आर्कटिक क्षेत्र के वातावरण के लिए अनुकूलित मस्क ऑक्स (कस्तूरी सांड) ने प्रकृति के बदलाव को तो बर्दाश्त कर लिया लेकिन मानव का लालच इसके लिए भारी पड़ा और आज विश्व मेïं इसकी आबादी 3,000 के आसपास सिमट गयी है!
माथे के बीच सीïंग
मस्क ऑक्स का वैज्ञानिक नाम ओविबस मासचैटस है और यह कनाडा, अलास्का, ग्रीनलैïड, नार्वे, साइबेरिया और आर्कटिक क्षेत्र के कुछ छोटे द्वीपोïं मेंï पाया जाता है। इसकी कंधोंï तक ऊँचाई 4 से 5 फीट और वजन 500 से 800 पौïंड के बीच होता है। नर मस्क ऑक्स मादा से बड़े होते हैïं। नर और मादा दोनोïं के सीïंग होते हैï लेकिन नर के सीïंग काफी बड़े और माथे के बीच से निकलते प्रतीत होते हैïं।
बर्फ तोड़ कर पानी
मस्क ऑक्स का शरीर काफी भारी-भरकम होता है तथा इस पर बड़े-बड़े बाल होते हंैï। इसके कंधोंï के पीछे कूबड़ निकला होता है। जुगाली करने वाले अन्य पशुओïं की तरह मस्क ऑक्स का पेट भी चार भागोï मेï बंटा होता है। शाकाहारी मस्क ऑक्स अपने भोजन के लिए घास, विलो वृक्ष की पत्तियोïं और आर्कटिक क्षेत्र मेंï उगने वाले कुछ फूलोंï और इनके पौधोंï पर आश्रित रहता है। आर्कटिक क्षेत्र के ठंडे मौसम के कारण अक्सर पीने के पानी की किल्लत पड़ जाती है। ऐसी हालत मेïं मस्क ऑक्स जमी हुयी बर्फ की सतह को खुर मार-मार कर तोड़ देते हैïं और पानी का इंतजाम हो जाता है।
खूबियां ही बनीï खतरा
इस स्तनधारी पशु की आँखोंï के नीचे विशेष ग्रंथियां होती हैï और जब यह अपना सिर किसी वृक्ष अथवा झाड़ी पर रगड़ता है तो इन ग्रंथियोंï से निकले स्राव से कस्तूरी की महक आती है। एस्किमो मस्क ऑक्स को ओमिंगमाक कह कर पुकारते हैïं जिसका अर्थ ‘दाढ़ी वालाÓ होता है। इसके शरीर पर मौजूद बड़े-बड़े बालोंï की गिनती विश्व के सबसे गर्म ऊनी रेशोïं मेंï की जाती है और यह कैश्मीर ऊन की तरह मुलायम होते हैïं। ऊन और कस्तूरी के लिए इसका अंधाधुंध शिकार होता रहा और 1850 मेंï यह अलास्का से लुप्त हो गया। 1930 मेंï इसकी प्रजाति के कुछ सदस्योïं को ग्रीनलैïंड से अलास्का लाया गया और इसके संरक्षण के लिए व्यापक कार्यक्रम प्रारंभ किया गया।
झुंड के लिए बलिदान
मस्क ऑक्स झुंड मेंï घूमना पसंद करते हैï। इस आदत के कारण झुंड के नन्हें सदस्य लोमडिय़ोंï से बचे रहते हैï। किसी खतरे के समय झुंड तेजी से भाग लेता है लेकिन अगर खतरा ऐसा है जो टाला नहींï जा सकता तो झुंड का मुखिया सबसे आगे आ जाता है और शिकारी को उलझा कर शेष झुंड को भागने का मौका दे देता है। ऐसे मौकोंï पर अक्सर मुखिया की मौत भी हो जाती है!
– मनीष त्रिपाठी
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