जानें प्रतिबद्धता का महत्व

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यह तो आप मानते ही होïंगे कि जिन लोगोï ने जिंदगी मेïं कामयाबी की बुलंदियोï को छुआ है, वे अपने लक्ष्योंï या इरादोïं के प्रति प्रतिबद्ध थे। जब आप किसी व्यक्ति, संस्था या अपने संकल्पोïं के प्रति प्रतिबद्धता जाहिर करते हंैï, तो इस स्थिति मेंï आपकी ऊर्जा उसी दिशा मेंï एकाग्र हो जाती है। इस स्थिति मेंï सफलता मिलना तय है। लेकिन इस संदर्भ मेंï सवाल यह उठता है कि दूसरोïं के प्रति प्रतिबद्धता दिखाने से कहींï ज्यादा बेहतर है कि स्वयं के प्रति प्रतिबद्ध रहा जाये। स्वयं के प्रति प्रतिबद्धता के अनेक लाभ हंैï। इस जगत मेंï सभी वस्तुएं किसी न किसी कोण से एक दूसरे से पृथक नहींï हैï। आप चाहते हुए भी स्वयं को दूसरोंï से पृथक नहींï कर सकतीï। मसलन, आप अपने परिवार से खुद को अलग नहीïं कर सकतीï। जब आप अपने परिवार के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाती हैï, तो आपका परिवार आपको सहयोग देता है। यदि आप समाज के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाती हैंï, तो आपको समाज से सहयोग मिलता है। इसी तरह जब आप अदृश्य शक्ति के प्रति अपनी गहन प्रतिबद्धता दर्शाती हैïं, तो उस शक्ति से आपको एक नई ऊर्जा मिलती है। यह धारणा गलत है कि प्रतिबद्धता दर्शाने से किसी की स्वतंत्रता छिन जाती है। अल्पकालिक दृष्टिï से कुछ लोगोïं को यह बात सही जान पड़े, पर दीर्घकालिक दृष्टिï से यह बात सच नहीïं है। वस्तुत: आपके जीवन मेंï प्रतिबद्धता का स्वरूप जितना व्यापक या ऊंचा होगा, आप उसी अनुपात मेंï अपने लक्ष्योï को पाने मेïं सफल रहेंगी। – नबीला मलिक